बैंक ऑफ जापान ने बढ़ाया ब्याज दर, अमेरिका की धमकियों से बचने के लिए जापान ने ढूंढा यह उपाय
Japanese interest rates: पिछले वर्ष के अंत में उपभोक्ता मूल्य में वृद्धि के बाद जापान के केंद्रीय बैंक ने उधार लेने की लागत को 17 वर्षों के उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है। बैंक ऑफ़ जापान द्वारा अपनी अल्पकाली नीति दर को लगभग 0.5% तक बढ़ाने का काम नवीनतम आर्थिक आंकड़ों के कुछ ही घंटे के बाद आया जिसमें दिखाया गया है, कि पिछले महीने कीमत है 16 महीना में सबसे तेज गति से बड़ी है।।
किन कारणों से बढ़ी दर?
जुलाई में बैंक ऑफ़ जापान द्वारा की गई अंतिम ब्याज दर थी और अमेरिका से प्राप्त कमजोर रोजगार रिपोर्ट ने विश्व भर के निवेशकों को आश्चर्यचकित कर दिया था, जिसके कारण जापान में शेयर बाजार में बिकवाली भी शुरू हो गई थी। बैंक के गवर्नर ने बाजार में किसी भी अन्य झटके से बचने के लिए इतना बड़ा कदम उठाते हुए नवीनतम दर की पहल को संकेत दिया है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जापान में मुख्य उपभोक्ता कीमतें दिसंबर में 1 वर्ष पहले की तुलना में तीन प्रतिशत बढ़ी थी। यह निर्णय जुलाई के बाद से बैंक ऑफ़ जापान द्वारा किया गया पहला दर निर्णय है, तथा यह डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के कुछ ही दिनों के बाद आया है।
ट्रंप की धमकी से बचने का उपाय ढूंढ रहा है जापान
दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में सभी आयत पर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसका जापान पर भी प्रभाव पड़ सकता था, क्योंकि जापान से भी कई सामान अमेरिका में निर्यात होते हैं। अब दरे बढ़ने से बैंक को भविष्य में कटौती करने की अधिक गुंजाइश मिलेगी। यह कदम केंद्रीय बैंक की दरों को लगातार बढ़कर लगभग एक प्रतिशत करने की योजना को दर्शाता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह स्तर ना तो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और ना ही धीमा करेगा। अमेरिका की धमकी से बचने के उपाय ढूंढते हुए जापान ने यह निर्णय लिया और कहा है कि इस वृद्धि का अर्थ यह था, कि जब कोई भी देश नकारात्मक ब्याज दर वाला नहीं बचा था, जब नकारात्मक दरें लागू होती हैं। तो लोगों को बैंक में पैसा जमा करने के लिए भुगतान करना पड़ता है कई देशों ने लोगों को अपना पैसा बैंक में जमा करने के बजाय खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करने के तरीके के रूप में इसका इस्तेमाल किया है।